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संसद के दोनों सदनों की शक्तियां एवं कार्य
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लोकसभा की शक्तियां एवं कार्य
(Powers and functions of lok sabha)
* भारतीय संसद के दोनों सदनों में लोकसभा लोकप्रिय सदन (popular house) है, क्योंकि लोकसभा के सदस्यों को जनता के द्वारा प्रत्यक्ष निर्वाचन के आधार पर निर्वाचित किया जाता है।
* भारतीय संविधान द्वारा लोकसभा को राज्यसभा की तुलना में उच्च स्थिति प्रदान की गई है। संसद लोकसभा और राज्यसभा तथा राष्ट्रपति से मिलकर बनती है।
परंतु लोकसभा संसद की सर्वाधिक महत्वपूर्ण इकाई है।
* लोकसभा की शक्तियां तथा उसके कार्यों का अध्ययन निम्नलिखित रूपों में किया जा सकता है___
1- लोकसभा की विधाई शक्तियां___संविधान के अनुसार भारतीय संसद संघ सूची, समवर्ती सूची ,अवशिष्ट विषयों और कुछ परिस्थितियों में राज्य सूची के विषय पर कानून का निर्माण कर सकती है। संविधान के द्वारा साधारण अवित्तीय विधेयकों और संशोधन विधेयकों के संबंध में कहा गया है कि इस प्रकार के विधेयक लोकसभा या राज्यसभा दोनों में से किसी भी सदन में प्रस्तावित किए जा सकते हैं और दोनों सदनों में से पारित होने पर ही राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजे जाएंगे।
2- परंतु दोनों सदनों में मतभेद उत्पन्न हो जाने पर राष्ट्रपति द्वारा दोनों सदनों की संयुक्त बैठक (अनुच्छेद 108) बुलाई जाने का प्रावधान है। लोकसभा की सदस्य संख्या राज्यसभा के दोगुने से भी अधिक होने के कारण संयुक्त बैठक में विधेयक का निर्णय लोकसभा की इच्छा अनुसार ही होता है।
* इस प्रकार कानून निर्माण के संबंध में अंतिम शक्ति लोकसभा को ही प्राप्त है। राज्यसभा साधारण विधि (वित्त विधेयक को छोड़कर) को अधिकतम 6 माह तक ही रोक सकती है।
व्यवहार के अंतर्गत अब तक सभी महत्वपूर्ण विधेयक लोकसभा में ही प्रस्तावित किया जाते रहे हैं।
2- लोकसभा की वित्तीय शक्ति______
भारतीय संविधान में वित्तीय शक्ति मुख्यता लोकसभा को ही प्रदान की गई है और इस संबंध में राज्यसभा की स्थिति महत्वहीन है।
अनुच्छेद 109 के अनुसार, वित्त विधेयक लोकसभा में ही प्रस्तुत किए जा सकते हैं राज्यसभा में नहीं।
* लोकसभा से पारित होने के बाद वित्त विधेयक राज्यसभा में भेजे जाते हैं और राज्यसभा के लिए यह आवश्यक है कि, वह वित्त विधेयक प्राप्त होने की तिथि से 14 दिनों के अंदर अपने सुझावों के साथ यह उनके बिना लोकसभा को लौटा दे।
* यदि राज्यसभा ऐसा नहीं करती तो यह अवधि
(14 दिन) बीत जाने पर वह वित्त विधेयक राज्यसभा से पारित मान लिया जाएगा।
* वार्षिक बजट और अनुदान संबंधी मांगे भी लोकसभा के समक्ष ही रखी जाती है और इनसे संबंधित व्यय स्वीकृति देने का अधिकार लोकसभा को ही प्राप्त है।
* कार्यपालिका पर नियंत्रण की शक्ति_____
भारतीय संविधान के द्वारा संसदीय संविधान व्यवस्था की स्थापना की गई है। अपन संविधान के अनुसार संघ की कार्यपालिका अर्थात मंत्रिमंडल संसद (व्यवहार में लोकसभा) के प्रति उत्तरदाई होता है। मंत्रिमंडल केवल उसी समय तक अपने पद पर रहता है, जब तक कि उसे लोकसभा का विश्वास प्राप्त हो।
* संसद अनेक प्रकार से कार्यपालिका पर नियंत्रण रख सकती है। संसद के सदस्य मंत्रियों से सरकारी नीति के संबंध में सरकार के कार्यों के संबंध में प्रश्न पूछ सकती हैं तथा उनकी आलोचना कर सकती है।
* संसद सरकारी विधायक अथवा बजट को अस्वीकार कर के मंत्रियों के वेतन में कटौती का प्रस्ताव स्वीकार करके अथवा किसी सरकारी विधेयक में कोई संशोधन करके (जिससे सरकार असहमत हो) अपना विरोध प्रदर्शित कर सकती है।
वह स्थगन प्रस्ताव (adjournment motions) पारित करके भी सरकारी नीतियों की आलोचना कर सकती है।
* लोकसभा के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित (no confidence motion) करके कार्यपालिका अर्थात मंत्री परिषद को बर्खास्त किया जा सकता है।
* कार्यपालिका पर नियंत्रण की शक्ति के अंतर्गत ही लोकसभा ,संघ लोक सेवा आयोग, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक, वित्त आयोग, राजभाषा आयोग व अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग की रिपोर्ट पर विचार करती है।
4- संविधान संशोधन संबंधी शक्ति_____
लोकसभा को राज्यसभा के साथ मिलकर संविधान में संशोधन (परिवर्तन) का अधिकार भी प्राप्त है। संविधान के अनुच्छेद 368 के अनुसार, संविधान में संशोधन का कार्य संसद के द्वारा किया जाता है।
* संशोधन का प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में प्रस्तावित किया जा सकता है और प्रस्ताव पारित होने के लिए आवश्यक है कि, संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग अपने कुल बहुमत तथा उपस्थित एवं मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से पारित किया जाए।
* संशोधन प्रस्ताव के संबंध में संसद के दोनों सदनों में असहमति होने पर वह प्रस्ताव अस्वीकृत मान लिया जाएगा। संविधान संशोधन के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाने का कोई प्रावधान नहीं है।
* निर्वाचक मंडल के रूप में कार्य___
लोकसभा निर्वाचक मंडल के रूप में भी कार्य करती है। अनुच्छेद 54 के अनुसार, लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति को निर्वाचित करते हैं।
अनुच्छेद 66 के अनुसार, लोकसभा और राज्यसभा मिलकर उपराष्ट्रपति का चुनाव करती है। लोकसभा के द्वारा सदन की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को निर्वाचित किया जाता है तथा लोकसभा ही उन्हें पद से भी हटा सकती है।
6- जनता की शिकायतों का निवारण___
लोकसभा के सदस्य प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं, अतः उनके द्वारा जनता की शिकायतें जनता के विचार तथा भावनाएं सरकार तक पहुंचाई जाती है। लोकसभा के सदस्य सदैव यह प्रयास करते हैं कि, सरकार अपनी नीतियों का निर्माण एवं कार्यों का संपादन जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए करें।
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