Staff Nurse, CHO, ANM, GNM, BSc Nursing, Entrance Exam
केंद्र शासित प्रदेशों का गठन
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
केंद्र शासित प्रदेश__ ब्रिटिश शासन काल में वर्ष 1874 में अनुसूचित जिले बनाए गए। बाद में उन्हें मुख्य आयुक्त के क्षेत्र के नाम से भी जाना जाने लगा।
* स्वतंत्रता के बाद में इन्हें भाग- ग तथा घर राज्यों की श्रेणी में रखा गया।
* वर्ष 1956 में 7 वां संविधान संशोधन अधिनियम व राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत इन्हें केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में पुनर्गठित किया गया।
* बाद में कुछ केंद्र शासित प्रदेशों को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल गया।
जैसे- हिमाचल प्रदेश ,मणिपुर ,त्रिपुरा ,मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश व गोवा प्रारंभ में केंद्र शासित प्रदेश थे लेकिन अब यह सभी पूर्ण राज्य हैं।
* दूसरी ओर पुर्तगालियों से वापस लिए गए क्षेत्र (गोवा दमन दीव और दादरा और नगर हवेली) तथा फ्रांसीसी से वापस लिए गए क्षेत्र (पुदुचेरी) केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए।
राज्य पुनर्गठन से संबंधित आयोग एवं समितियां__
धर आयोग (Dhar commission)
स्वतंत्रता प्राप्ति के साथ ही भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग को ध्यान में रखते हुए संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 27 नवंबर 1947 को न्यायमूर्ति एस .के. धर की अध्यक्षता में भाषाई प्रांत आयोग का गठन किया।
* भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के प्रश्न पर एस. के.धर आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा कि राज्यों का पुनर्गठन भाषायी आधार पर ना होकर प्रशासनिक सुविधा के आधार पर होना चाहिए।
जेवीपी समिति___* धर आयोग की सिफारिशों के पश्चात भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का आंदोलन और अधिक तीव्र हो गया जिसके समाधान के लिए कांग्रेस ने जेवीपी समिति का गठन दिसंबर 1948 ईस्वी में किया।
* जेवीपी समिति ने अपनी सिफारिश अप्रैल 1949 में सरकार के समक्ष पेश किया था।
* इसमें जवाहरलाल नेहरू वल्लभभाई पटेल एवं पट्टाबी सीतारामय्या सम्मिलित थे इस समिति ने अपनी सिफारिश में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन को तत्कालीन समय में अव्यावहारिक बताया।
* भाषाई राज्य पुनर्गठन आंदोलन के दौरान ही 56 दिनों की भूख हड़ताल के बाद पोट्टी श्रीरामुलु (कांग्रेसी) का निधन हो गया, जिसके बाद अक्टूबर 1953 में भारत सरकार को विवश होकर भाषाई आधार पर राज्य के गठन की मांग को स्वीकार करना पड़ा और मद्रास से तेलुगु भाषी क्षेत्रों को अलग करके एक नए राज्य आंध्र प्रदेश का गठन किया गया।
* इसके बाद मद्रास प्रांत के बचे हुए क्षेत्र को तमिल भाषी राज्य के रूप में रखा गया। सन 1969 को इसका नाम तमिलनाडु कर दिया गया।
फजल अली आयोग___अक्टूबर में से 53 में नए राज्य आंध्रप्रदेश के भाषाई आधार पर गठन के बाद भाषाई राज्य के पुनर्गठन की मांग और अधिक तीव्र हो गई, जिसके बाद भारत सरकार ने दिसंबर 1953 में फजल अली की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय राज्य पुनर्गठन आयोग बनाया।
* आओ के अन्य दो सदस्यों में के.एम. पणिकर और एच.एन .के कुंजरू सम्मिलित थे।
*फजल अली आयोग ने वर्ष 1955 में सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपी जिनमें प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित थे___
*किसी नए राज्य के गठन में राष्ट्रीय सुरक्षा ,वित्तीय व प्रशासनिक कुशलता को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए।
* भाषाई आधार पर पेंटिंग का पुनर्गठन तार्किक रूप से व्यवहारिक नहीं है। समानता ऐसा कोई राज्य बनाना असंभव है जो पूर्णता एक भाषी हो।
* भाषाई व सांस्कृतिक एकरूपता
* राजू का वर्गीकरण भाग क, ख, ग, घ आदि में करना अनावश्यक है उन्हें एक भाग में सम्मिलित किया जाए।
* फजर नीति आयोग की अनुशंसा के आधार पर भारत में 16 नए राज्यों के निर्माण की सिफारिश की गई तथा तीन नए संघ शासित क्षेत्रों के निर्माण की अनुशंसा की गई।
* सरकार के द्वारा सन् 1956 में आयोग की अनुशंसाओं में कुछ परिवर्तन करते हुए इन सिफारिशों को स्वीकार किया गया। परिणाम स्वरूप 1 नवंबर 1956 को 14 नए राज्य तथा 6 नए संघ शासित क्षेत्रों का निर्माण किया गया।
14 नए राज्य___
1- असम
2- बिहार
3- मुंबई
4- जम्मू कश्मीर
5- पंजाब
6- उत्तर प्रदेश
7- मध्य प्रदेश
8- केरल
9- मद्रास
10- मैसूर
11- उड़ीसा
12- पश्चिम बंगाल
13- राजस्थान
14- आंध्र प्रदेश
6 केंद्र शासित प्रदेश___
1- दिल्ली
2- हिमाचल प्रदेश
3- मणिपुर
4- त्रिपुरा
5- अंडमान निकोबार दीप समूह
6- लंकादीव, मिनीकाय , और अमीनीदीव द्वीप समूह
आंध्र प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2014____
समानता तेलंगाना विधेयक के नाम से विदित इस विधेयक के माध्यम से आंध्र प्रदेश को दो भागों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में विभाजित किया गया है।
फल स्वरुप तेलंगाना राज्य 2 जून 2014 से अस्तित्व में आ गया।
* आंध्र प्रदेश राज्य अधिनियम 1953 द्वारा भारत में भाषा के आधार पर प्रथम राज्य का निर्माण किया गया।
आंध्र प्रदेश जिसमें मद्रास राज्य (तमिलनाडु) के तेलुगु भाषी क्षेत्र शामिल किए गए। कुरनूल आंध्र प्रदेश राज्य की राजधानी थी जबकि गुंटूर में राज्य का उच्च न्यायालय स्थापित था।
* राजू कुमार के अधिनियम 1956 द्वारा हैदराबाद राज्य के तेलुगु भाषी क्षेत्रों को आंध्र प्रदेश राज्य में मिला कर वह बृहद आंध्र प्रदेश राज्य की स्थापना की गई राज्य की राजधानी हैदराबाद स्थापित की गई।
* पुनः आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 आंध्र प्रदेश को 2 अलग राज्य (आंध्र प्रदेश व तेलंगाना) में बांट दिया।
* 10 वर्षों के लिए हैदराबाद को दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी बनाया गया है।
इस अवधि में आंध्रप्रदेश अपनी अलग राजधानी बना लेगा। इसी प्रकार आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का नाम बदलकर हैदराबाद से न्यायालय कर दिया गया है।
* उच्च न्यायालय तब तक दोनों राज्यों के लिए साझा रहेगा जब तक कि आंध्र प्रदेश राज्य के लिए अलग उच्च न्यायालय स्थापित नहीं हो जाता।
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें