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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK): एक सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
परिचय
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (Rashtriya Bal Swasthya Karyakram - RBSK) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना है, जिसका उद्देश्य 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की स्वास्थ्य जांच और निःशुल्क उपचार सुनिश्चित करना है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन बच्चों के लिए लाभकारी है, जो किसी भी प्रकार की जन्मजात बीमारियों, कुपोषण या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित होते हैं। इस लेख में हम RBSK योजना के उद्देश्य, लाभ, कार्यान्वयन प्रक्रिया, लाभार्थियों और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को विस्तार से समझेंगे।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) क्या है?
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 2013 में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों में जन्मजात विकारों, बीमारियों, कुपोषण और विकास संबंधी देरी की समय पर पहचान और उपचार सुनिश्चित करना है।
यह योजना आयुष्मान भारत के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है, जो स्कूल जाने वाले और आंगनवाड़ी में पंजीकृत बच्चों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) का उद्देश्य
इस योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
1. बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच और शीघ्र पहचान – जन्मजात विकार, बीमारियां, कुपोषण और विकास में देरी जैसी समस्याओं का शीघ्र निदान किया जाता है।
2. समय पर उपचार और रेफरल सेवाएं – प्रभावित बच्चों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराना और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें उच्च स्वास्थ्य केंद्रों पर रेफर करना।
3. बाल मृत्यु दर और विकलांगता को कम करना – बच्चों की प्रारंभिक चिकित्सा जांच के माध्यम से उनकी जान बचाने और उन्हें विकलांगता से मुक्त करने का प्रयास।
4. समुदाय में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना – माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों की सेहत के प्रति अधिक सतर्क बनाना।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के अंतर्गत कौन-कौन से बच्चे आते हैं?
इस योजना के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के सभी बच्चे शामिल किए गए हैं, जिन्हें तीन अलग-अलग समूहों में बांटा गया है:
1. जन्म से 6 वर्ष तक के बच्चे – ये बच्चे आंगनवाड़ी केंद्रों में पंजीकृत होते हैं।
2. 6 से 12 वर्ष तक के बच्चे – ये सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे होते हैं।
3. 12 से 18 वर्ष तक के किशोर – ये भी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्र होते हैं।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के अंतर्गत जांच की जाने वाली बीमारियाँ
इस योजना के तहत "4D" (4Ds) श्रेणियों के तहत कुल 32 प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान और उपचार किया जाता है:
1. जन्मजात विकार (Defects at Birth)
हृदय संबंधी समस्याएँ (Congenital Heart Disease)
कटे-फटे होंठ (Cleft Lip & Palate)
डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome)
जन्मजात मोतियाबिंद (Congenital Cataract)
क्लबफुट (Clubfoot)
बहरापन (Deafness)
2. रोग (Diseases)
एनीमिया (Anemia)
न्यूमोनिया (Pneumonia)
ट्यूबरक्युलोसिस (Tuberculosis)
त्वचा संबंधी रोग (Skin diseases)
विटामिन की कमी से होने वाले रोग
3. कुपोषण से संबंधित समस्याएं (Deficiency conditions)
प्रोटीन-ऊर्जा कुपोषण (PEM)
विटामिन A, D, C की कमी
आयरन और आयोडीन की कमी
4. विकास में देरी और दिव्यांगता (Developmental Delays & Disabilities)
मानसिक मंदता (Intellectual Disability)
सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy)
श्रवण हानि (Hearing Impairment)
दृष्टि समस्याएं (Vision Impairment)
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) की कार्यान्वयन प्रक्रिया
RBSK योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार ने एक विशेष प्रक्रिया अपनाई है, जिसमें निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
1. स्वास्थ्य टीमों का गठन – प्रत्येक जिले में मोबाइल हेल्थ टीम (MHT) गठित की जाती है, जिसमें एक डॉक्टर, एक नर्स, और एक फार्मासिस्ट शामिल होते हैं।
2. स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा – स्वास्थ्य टीम समय-समय पर स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा कर बच्चों की जांच करती है।
3. स्वास्थ्य परीक्षण एवं रेफरल प्रक्रिया – जिन बच्चों में कोई विकार या बीमारी पाई जाती है, उन्हें आगे के उपचार के लिए जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में रेफर किया जाता है।
4. निःशुल्क इलाज और पुनर्वास सेवाएं – जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त इलाज और पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के लाभ
1. निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं – बच्चों को कोई भी स्वास्थ्य समस्या होने पर मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं दी जाती हैं।
2. प्रारंभिक जाँच और उपचार – जन्मजात विकारों और बीमारियों की शीघ्र पहचान से गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है।
3. बाल मृत्यु दर में कमी – इस योजना से नवजात और छोटे बच्चों की मृत्यु दर को कम करने में मदद मिल रही है।
4. सामाजिक और आर्थिक प्रभाव – गरीब और जरूरतमंद परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च कम करने में सहायता मिलती है।
5. समाज में जागरूकता – इस योजना के माध्यम से माता-पिता और स्कूल प्रशासन को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) से कैसे जुड़ें?
अगर आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:
1. अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या सरकारी स्कूल से संपर्क करें।
2. अपने जिले में कार्यरत मोबाइल हेल्थ टीम (MHT) के दौरे की जानकारी प्राप्त करें।
3. जरूरत पड़ने पर सरकारी अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में जांच कराएं।
4. किसी भी प्रकार की समस्या होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की हेल्पलाइन से संपर्क करें।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) भारत में बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के माध्यम से लाखों बच्चों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। अगर इस योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए, तो यह बाल मृत्यु दर और कुपोषण जैसी समस्याओं को जड़ से समाप्त करने में सहायक हो सकती है।
अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं ताकि हर जरूरतमंद इस योजना का लाभ उठा सके।
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