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BTSC ANM Previous Year solved Questions//ANM Questions and answers 2025/ANM Exam's Questions 2025//

 For All Nursing Competitive Exams Practice Set 45 1. The primary health centre (PHC) covers a population of  प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) कितनी जनसंख्या को कवर करता है? (a) 20,000–30,000 (b) 30,000–40,000 (c) 50,000–60,000 (d) 70,000–80,000 ✅ Answer: (a) 20,000–30,000 व्याख्या: ग्रामीण क्षेत्र में एक PHC लगभग 20,000–30,000 की जनसंख्या के लिए स्थापित किया जाता है। इसका उद्देश्य प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है। 2. Which is the first referral unit in rural health care system? ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली में पहला रेफरल यूनिट कौन-सा है? (a) Sub-centre (उप-केन्द्र) (b) PHC (प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र) (c) CHC (सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र) (d) District Hospital (जिला अस्पताल) ✅ Answer: (c) CHC (सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र) व्याख्या: CHC (Community Health Centre) PHC का रेफरल यूनिट होता है और यह लगभग 80,000–1,20,000 की जनसंख्या के लिए सेवाएँ देता है। 3. Vitamin A prophylaxis program is started at the age of  विटामिन A प्रोफिलैक्सिस कार्यक्रम किस आयु से शुरू किया जाता...

महिला प्रजनन तंत्र (Female Reproductive System)

 महिला प्रजनन तंत्र (Female Reproductive System) 


महिला प्रजनन तंत्र का मुख्य कार्य प्रजनन (Reproduction) करना है। यह अंडाणु (Egg) बनाता है, निषेचन (Fertilization) की प्रक्रिया में मदद करता है और गर्भधारण (Pregnancy) को संभव बनाता है। इसे मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा जा सकता है:


1. आंतरिक अंग (Internal Organs)



2. बाहरी अंग (External Organs)




अब हम इसे एक-एक स्टेप में विस्तार से समझेंगे।





1. बाहरी अंग (External Organs) – योनि के बाहर के हिस्से


इन्हें वल्वा (Vulva) कहा जाता है, और ये प्रजनन तंत्र की सुरक्षा और संभोग (Intercourse) में मदद करते हैं।


(A) भगशेफ (Clitoris) – यह एक संवेदनशील भाग होता है, जो यौन उत्तेजना में मदद करता है।

(B) भगोष्ठ (Labia Majora & Labia Minora) – यह दो त्वचा की तहें होती हैं, जो योनि (Vagina) को ढककर सुरक्षा प्रदान करती हैं।

(C) योनि द्वार (Vaginal Opening) – यह वह स्थान होता है, जहां से संभोग के दौरान शुक्राणु (Sperm) प्रवेश करता है और मासिक धर्म (Periods) के समय रक्त बाहर आता है।



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2. आंतरिक अंग (Internal Organs) – शरीर के अंदर के हिस्से


यह प्रजनन और गर्भधारण की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


(A) योनि (Vagina) – शिशु जन्म और संभोग का मार्ग


योनि एक लचीली नली (Flexible Tube) होती है, जिसकी लंबाई लगभग 7-10 सेमी होती है।


यह मासिक धर्म के समय रक्त को बाहर निकालने, संभोग के दौरान शुक्राणु को ग्रहण करने और शिशु के जन्म के समय मार्ग प्रदान करने का काम करती है।



(B) गर्भाशय (Uterus) – शिशु के विकास की जगह


यह एक नाशपाती के आकार का अंग होता है, जो शिशु के विकास (Pregnancy) के लिए जिम्मेदार होता है।


इसका अंदरूनी हिस्सा एक मोटी परत (Endometrium) से ढका होता है, जो गर्भावस्था के समय शिशु को पोषण देता है।


यदि निषेचन नहीं होता, तो यही परत टूटकर मासिक धर्म (Periods) के रूप में बाहर निकल जाती है।



(C) फैलोपियन ट्यूब (Fallopian Tube) – निषेचन की जगह


यह दो पतली नलियों जैसी संरचनाएँ होती हैं, जो अंडाशय (Ovary) से गर्भाशय (Uterus) तक जाती हैं।


अंडाणु (Egg) इन्हीं नलियों के माध्यम से गर्भाशय तक पहुँचता है।


निषेचन (Fertilization) यहीं होता है, जहाँ शुक्राणु और अंडाणु मिलकर भ्रूण (Embryo) बनाते हैं।



(D) अंडाशय (Ovaries) – अंडाणु बनाने वाला अंग


महिलाओं में दो अंडाशय होते हैं, जो प्रत्येक माह एक अंडाणु (Egg) छोड़ते हैं।


ये एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) नामक हार्मोन भी बनाते हैं, जो मासिक धर्म और गर्भधारण को नियंत्रित करते हैं।




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3. मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycle) – मासिक रूप से अंडाणु का निर्माण और स्राव


यह एक 28-दिन की प्रक्रिया होती है, जिसमें अंडाशय से अंडाणु निकलता है और गर्भाशय की परत गाढ़ी हो जाती है।


यदि निषेचन नहीं होता, तो यह परत मासिक धर्म (Periods) के रूप में बाहर निकल जाती है।


यदि निषेचन हो जाता है, तो महिला गर्भवती हो जाती है।




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4. निषेचन (Fertilization) – अंडाणु और शुक्राणु का मिलन


यदि संभोग के दौरान शुक्राणु फैलोपियन ट्यूब में अंडाणु से मिलता है, तो निषेचन होता है।


निषेचित अंडाणु (Zygote) धीरे-धीरे गर्भाशय में जाकर वहाँ पर चिपक जाता है, जिसे आरोपण (Implantation) कहते हैं।




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5. गर्भधारण (Pregnancy) – भ्रूण का विकास


निषेचन के बाद भ्रूण (Embryo) गर्भाशय की दीवार में विकसित होता है।


9 महीनों में यह भ्रूण एक पूर्ण विकसित शिशु बन जाता है।




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6. प्रसव (Childbirth) – शिशु का जन्म


जब शिशु पूरी तरह विकसित हो जाता है, तो प्रसव की प्रक्रिया शुरू होती है।


गर्भाशय की मांसपेशियाँ संकुचित होती हैं और शिशु योनि के माध्यम से बाहर आता है।


यदि सामान्य प्रसव संभव नहीं होता, तो सिजेरियन (C-section) के माध्यम से शिशु को बाहर निकाला जाता है।



निष्कर्ष


महिला प्रजनन तंत्र बहुत जटिल और अद्भुत प्रणाली है, जो नई जिंदगी को जन्म देने में मदद करता है। इस पूरे सिस्टम में अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय और योनि सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मासिक धर्म, निषेचन और गर्भधारण की प्रक्रिया को समझना महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।


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