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History Mcqs Questions/History GK In Hindi/इतिहास महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर/UPPSC/UPSC HISTORY GK
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फ्राँसीसी
* 1664 ई. में लुई चौदहवें (लुई XIV) के मंत्री कोलबर्ट द्वारा 1664 ई. में फ्रेंच ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना की गई, जिसे 'कम्पने देस इण्दसे ओरिएंटलेस' कहा गया।*
* फ्राँस की व्यापारिक कम्पनी को राज्य द्वारा विशेषाधिकार तथा वित्तीय संसाधन प्राप्त था, अतः यह एक सरकारी व्यापारिक कम्पनी कही गयी।*
* फ्राँसिस कैरो के नेतृत्व में 1667 ई. में एक अभियान दल भारत के लिए रवाना हुआ, जिसने 1668 ई. में सूरत में अपने पहले व्यापारिक कारखाने की स्थापना की।
** मर्कारा ने 1669 ई. में गोलकुण्डा के सुल्तान से अनुमति प्राप्त कर मंसुलीपट्टनम् में दूसरी फ्रेंच फैक्ट्री की स्थापना की।
* एडमिरल डेला हे ने 1672 ई. में गोलकुण्डा के सुल्तान को परास्त करके सैनथोमी छीन लिया।
** 1673 ई. में कम्पनी के निदेशक फ्रांसिस मार्टिन ने बलिकोण्डापुर के सूबेदार शेरखाँ लोदी से पर्दचुरी नामक एक गाँव प्राप्त किया, जिसे बाद में पांडिचेरी के नाम से जाना गया।
* 1674 ई. में बंगाल के सूबेदार शाइस्ता खाँ द्वारा फ्राँसीसियों को प्रदत्त स्थान पर 1690-92 ई. में चन्द्रनगर की स्थापना की गई।
* जून, 1720 ई. में फ्राँसीसी कम्पनी की 'इण्डीज की चिर स्थायी कम्पनी' के रूप में हुई। पुनः स्थापना
* 1720 ई. और 1742 ई. के बीच लिनो और ड्यूमा के बुद्धिमत्तापूर्ण शासन से सम्पन्नता इनके पास लौट आई।
* डचों ने अंग्रेजों की सहायता से 1693 ई. में पांडिचेरी को छीन लिया, लेकिन 1697 ई. में रिजविक की सन्धि के पश्चात् पांडिचेरी पुनः फ्राँसीसियों को प्राप्त हो गया।
* 1701 ई. में पाण्डिचेरी पूर्व में फ्राँसीसी बस्तियों का मुख्यालय बना और मार्टिन को महानिदेशक नियुक्त किया गया।
* मार्टिन ने पांडिचेरी के कारखाने में फोर्ट लुई का निर्माण कराया।
* 1731 ई. में चन्द्रनगर के प्रमुख के रूप में फ्राँसीसी गवर्नर डूप्ले की नियुक्ति के बाद ही एक बार फिर फ्राँसीसियों में उत्साह दिखा।
* फ्राँसीसियों ने 1721 ई. में मारीशस, 1724 ई. में मालाबार में स्थित माही तथा 1739 ई. में कराइकल पर अधिकार कर लिया।
* कर्नाटक की राजधानी आरकाट दक्कन के सूबेदार के नियंत्रण में था।
** कर्नाटक का प्रथम युद्ध (1746-48 ई.)
* यह युद्ध आस्ट्रिया के उत्तराधिकार युद्ध का विस्तार मात्र था। 1746 ई. में युद्ध का आरम्भ हुआ। युद्ध की शुरुआत अंग्रेजों ने की।
* अंग्रेज कैप्टन बर्नेट ने कुछ फ्राँसीसी जहाजों पर अधिकार कर लिया।
* कर्नाटक के नवाब अनवरुद्दीन ने महफूज खाँ के नेतृत्व में 10 हजार सिपाहियों की एक सेना फ्राँसीसियों पर आक्रमण के लिए भेजा। 'सेंट थोमे के युद्ध' में कैप्टन पेराडाइज के नेतृत्व में फ्रांसीसी सेना ने नवाब को पराजित कर दिया।
* अंग्रेज रियर-एडमिरल बोस्कानोव के नेतृत्व में जून, 1748 ई. में एक जहाजी बेड़े ने पांडिचेरी को घेरा परन्तु असफल रहे।
* यूरोप में अंग्रेजों एवं फ्राँसीसियों के बीच ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकार युद्ध की समाप्ति हेतु 1748 ई. में ए- ला-शैपेल की सन्धि के सम्पन्न होने पर भारत में भी इन दोनों का संघर्ष खत्म हो गया तथा पुनः मद्रास अंग्रेजों को प्राप्त हो गया।
**कर्नाटक का द्वितीय युद्ध (1749-54 ई.)
* 1748 ई. में निजामुलमुल्क आसफशाह की मृत्योपरांत उत्तराधिकार का संघर्ष आरम्भ हुआ। इस समय मराठों ने चन्दा साहब को रिहा कर दिया।
** निजाम का पुत्र नासिर जंग उत्तराधिकारी बना, परन्तु उसके भांजे मुजफ्फर जंग ने उसे चुनौती दी।
* दूसरी ओर कर्नाटक का नवाब अनवरुद्दीन तथा उनके बहनोई चन्दा साहब के बीच विवाद प्रारम्भ हुआ।
डूप्ले ने मुजफ्फर जंग के लिए दक्कन की सूबेदारी का समर्थन किया तथा अंग्रेजों ने अनवरुद्दीन व नासिर जंग को अपना समर्थन दिया।
* 1749 ई. में अम्बूर के युद्ध में चन्दा साहब ने अनवरुद्दीन को पराजित कर मार डाला तथा कर्नाटक के अधिकांश हिस्सों पर अधिकार कर लिया, लेकिन मुजफ्फर जंग दक्कन की सूबेदारी के लिए अपने भाई नासिर जंग से हार गया।
* 1750 ई. में नासिर जंग की मृत्यु के पश्चात् मुजफ्फर दक्कन का सूबेदार बना।
* क्लाइव ने 1751 ई. में 500 सिपाहियों के साथ धारवार पर कब्जा कर लिया। शीघ्र ही फ्रांसीसी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया तथा चंदा साहब की हत्या कर दी गई।
* फ्राँसीसी अधिकारियों ने डूप्ले की जगह भारत में गोदहे को 1 अगस्त, 1754 को गवर्नर बनाया।
****इन्हें भी देखें******
***यूरोपीय कम्पनी से सम्बद्ध व्यक्ति***
+ वास्कोडिगामा यात्री। - भारत आने वाला प्रथम यूरोपीय
+ पेड्रो अल्वारेज केबाल पुर्तगाली । - भारत आने वाला द्वितीय
+ फ्रांसिस्को डि-अल्मीडा गवर्नर । भारत का प्रथम पुर्तगीज
+ जॉन मिल्डेन हाल ब्रिटिश नागरिक। भारत आने वाला प्रथम
+ कैप्टन हॉकिन्स प्रथम अंग्रेज दूत जिसने सम्राट जहाँगीर से भेंट की।
+ गैरोल्ड औंगियार - बम्बई का वास्तविक संस्थापक।
+ चार्ल्स आयर प्रथम प्रशासक। फोर्ट विलियम (कलकत्ता) का
+ विलियम नौरिस 1638 में स्थापित नई ब्रिटिश कम्पनी 'ट्रेडिंग इन द ईस्ट' का दूत जो व्यापारिक विशेषाधिकार हेतु औरंगजेब के दरबार में उपस्थित हुआ।
+ फ्रैंको मार्टिन पाण्डिचेरी का प्रथम फ्रांसीसी गवर्नर ।
+ फ्रांसिस डे मद्रास का संस्थापक।
+ शोभा सिंह - वर्दवान का जमींदार, 1690 ई. में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया था।
+ इब्राहिम खाँ सुतानाटी का जमींदार। कालिकाता, गोविन्दपुर तथा
+ जॉन सुरमन - मुगल सम्राट फर्रूखसियर से विशेष व्यापारिक सुविधा प्राप्त करने वाले शिष्टमंडल का मुखिया ।
+ फादर मानसरेल अकबर के दरबार में पहुँचने वाले प्रथम शिष्टमंडल का अध्यक्ष ।
+ केरोनफ्रैंक भारत में प्रथम फ्राँसीसी फैक्ट्री की सूरत में स्थापना की थी।
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