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सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (central processing unit)
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Central processing unit-(CPU)
कंप्यूटर में किए जाने वाले सभी कार्य सीपीयू के द्वारा किए जाते हैं। यह कंप्यूटर का वह भाग होता है जिसमें अर्थमैटिक और लॉजिकल ऑपरेशंस (arithmetic and logical operations)निष्पादित होते हैं।
तथा निर्देश (instructions) डिकोड और एग्जीक्यूट किए जाते हैं। सीपीयू कंप्यूटर के संपूर्ण ऑपरेशन (operations) को नियंत्रित करता है। सीपीयू को कंप्यूटर का मस्तिष्क और माइक्रो प्रोसेसर कहा जाता है।
सीपीयू के प्रमुख कार्य निम्न है___
1- निर्देशों तथा डाटा को मुख्य मेमोरी से रजिस्टर्ड में स्थानांतरित करना
2- निर्देशों का क्रमिक रूप से क्रियान्वयन करना
3- आवश्यकता पड़ने पर आउटपुट डाटा को रजिस्टर्ड से मुख्य मेमोरी में स्थानांतरित करना
कंट्रोल यूनिट (control unit)
यह सीपीयू का सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाग है। यह कंप्यूटर के सभी भागों के कार्यों पर नजर रखता है और उनमें परस्पर तालमेल बैठाने के लिए उचित आदेश भेजता है। इसका सबसे प्रमुख कार्य है कि हम जिस प्रोग्राम का पालन करना चाहते हैं यह उसे मेमोरी में से क्रमसा पढ़कर उसका विश्लेषण (analysis) करता है और उसका पालन करता है।
किसी आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए वह कंप्यूटर के दूसरे भागों (जैसे मेमोरी) को उचित निर्देश जारी करता है। कंप्यूटर के सभी भागों में तालमेल बनाकर प्रोग्रामों का ठीक-ठीक पालन कराना इसी डिवाइस की जिम्मेदारी है।
अर्थमैटिक लॉजिक यूनिट (arithmetic logic unit-ALU)
सीपीयू के लिए सभी प्रकार की अंकगणितीय क्रियाएं (जोड़ना ,घटाना, गुणा करना तथा भाग देना) और तुलनाएं (दो संख्याओं में यह बताना कि कौन सी छोटी या बड़ी है अथवा दोनों बराबर है)
इसी डिवाइस में की जाती है। रात होने वाली संख्याओं तथा क्रियाओं के परिणामों को अस्थाई रूप से स्टोर करने जा रखने के लिए इसमें कई विशेष व्हाइटिंग होती है जिन्हें रजिस्टर्ड (Registeres)कहा जाता है।
कंप्यूटर मेमोरी (computer memory)
मेमोरी कंप्यूटर का वह भाग है जिसमें सभी डाटा बा प्रोग्राम स्टोर किए जाते हैं। मुख्यतः दो प्रकार की होती है।
1- मुख्य मेमोरी(main memory) या प्राइमरी मेमोरी (primary memory)
2- द्वितीयक मेमोरी (secondary memory) और auxiliary memory
1- मुख्य मेमोरी (main memory)
इसे आंतरिक मेमोरी भी कहा जाता है ,क्योंकि यह कंप्यूटर के सीपीयू का ही भाग होता है। प्राइमरी मेमोरी में उस समय चल रहे प्रोग्राम तथा प्रोग्रामों के इनपुट डाटा और आउटपुट डाटा कुछ समय के लिए स्टोर होते हैं।
जैसे ही उनकी आवश्यकता समाप्त हो जाती है उन्हें हटाकर दूसरे डाटा या प्रोग्राम रखे जा सकते हैं।
इस मेमोरी का आकार सीमित होता है परंतु इसकी गति बहुत तेज होती है, ताकि जब भी किसी डाटा की जरूरत होने पर डाटा इसमें से तुरंत लिया जा सके। प्राइमरी मेमोरी को दो भागों में बांटा गया है।
1- रेंडम एक्सेस मेमोरी__(random access memory)
यह मेमोरी एक चिप की तरह होती है, जो मेटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर (MOS)से बनी होती है इसे संक्षेप में रैम (RAM)कहा जाता है। रेल में उपस्थित सभी सूचनाएं अस्थाई होती है और जैसे ही कंप्यूटर की विद्युत सप्लाई बंद कर दी जाती है वैसे ही समस्त सूचनाएं नष्ट हो जाती हैं अतः प्रेम एक वोलेटाइल(volatile) मेमोरी है। रेन का उपयोग डाटा को स्टोर करने तथा उसमें (मेमोरी में) उपस्थित डाटा को पढ़ने के लिए किया जाता है। रैम में डेटा उतनी देर ही रहता है जितनी देर कंप्यूटर ऑन रहता है।
रैम दो प्रकार की होती है_____
A- डायनामिक रैम (dynamic Ram) इसे डी रैम भी कहते हैं। डीरैम चिपके स्टोरेज सेल परिपथों (circuits)में एक ट्रांजिस्टर और एक कैपेसिटर लगे होते हैं। डायनामिक रैम को बार-बार रिफ्रेश किया जाता है, जिसके कारण इसकी गति धीमी हो जाती है। इस प्रकार देना में क्राइम चिप ऐसी मेमोरी की सुविधा देता है जिसकी सूचना बिजली बंद करने पर नष्ट हो जाती है।
डायनामिक रैम के अन्य उदाहरण है___
1- एस डी रैम (SD RAM__
Synchronous dynamic Ram
आर डी रैम(RD RAM)__
Rambus Dynamic RAM)
डी डी आर एस डी रैम (DDR SDRAM)
Double data rate synchronous dynamic RAM)
Static RAM (स्टैटिक रैम)- इसे SRAM भी कहते हैं।
इसमें डाटा तब तक संचित रहता है जब तक विद्युत सप्लाई ऑन रहती है। स्टैटिक रैम में स्टोरेज सेल पर परिपथों में एक से अधिक ट्रांजिस्टर लगे होते हैं।
एस रैम के अन्य उदाहरण है__&&&&
1- नॉन वोलेटाइल SRAM (non volatile SRAM)
2- स्पेशल एस रैम (special SRAM)
3- एसिंक्रोनस एस रैम (asynchronous SRAM)
4- सिंक्रोनस एस रैम (synchronous SRAM)
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टिप्पणियाँ
Nice post
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